# दशहरे का त्योहार क्यो मनाया जाता हैं?
दशहरा बोलो या फिर विजयदशमी यह त्योहार हर बच्चे के चहरे में मुस्कान बिखेरने वाला त्योहार है। रामलीला, रावण दहन और आतिशबाजी देखना हर किसी को अच्छा लगता है।
आज हम इस आर्टिकल के माध्यम से दशहरे कि पूरी जानकारी आपको देने वाले हैं।
Jisne ham janenge ki dashahara kyo manate hai.
## जीवन एक त्योहार हैं।
अगर त्योहार के लिए भारत की बात करें तो भारत में
भारत के हर छेत्र में त्योहार मनाया जाता हैं।
भारत के हर छेत्र में त्योहार मनाया जाता हैं।
भारत त्योहारो की भूम हैं हमारा भारत उत्सव के लिए जाना जाता है।
वास्तव में भारत मे त्योहारो की परंपरा हैं। जो हमारे जीवन मे जश्न मनाने को अवसर देती हैं।
विजय दशमी एक ऐसा प्रसिद्धत्योहार हैं जो भारत के हर कोने में मनाया जाता हैं।
दशहरा को विजयदशमी भी कहा जाता है।
दशहरा को विजयदशमी भी कहा जाता है।
इस पोस्ट में हम आपको बिस्तार से बताएंगे कि दशहरा का त्यौहार क्यो मनाया जाता है अगर आप ये जानना चाहते हैं कि क्यो मनाया जाता है दशहरे का त्यौहार तो आप बिल्कुल सही
जगह पे आये आपको पोस्ट के साथ चिपके रहना है पोस्ट को पूरा पढ़ना हैं।
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## दशहरा कब मनाया जाता है?
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दशहरे का त्योहार क्यो मनाया जाता हैं? |
हिन्दू पंचाग के हिसाब से
अश्विनमास कि शुक्ल पक्ष की दशमी को विजया दशमी के दिन दशहरे का त्यौहार मनाया जाता हैं।
अश्विनमास कि शुक्ल पक्ष की दशमी को विजया दशमी के दिन दशहरे का त्यौहार मनाया जाता हैं।
जो दीपावली के 20 या 22 दिन पहले आता है। जो तिथि के अनुसार होती हैं। इस बार दशहरा मनाया जाएगा।
Friday 19 October
माँ दुर्गादेवी के पवित्र नौ दिन बाद 10 वे दिन दशहरे का त्यौहार मनाया जाता हैं। जो पूरे भारत वर्ष में बड़े हर्षोल्लास से मनाया जाता हैं।
इसी दिन माँ दुर्गा ने महिषासुर का
वध किया था। dassehra kab manaya jata hai
इसी दिन माँ दुर्गा ने महिषासुर का
वध किया था। dassehra kab manaya jata hai
## भगवान राम और ज्ञानी रावण-
जब भगवान राम व 14 वर्ष के लिए वनवास गए थे और उसी वनवास काल में रावण ने माता सीता का भेष बदल कर अपहरण किया था।
रावण को अपने ऊपर घमंड बहुत था और वह अहंकारी भी बहुत था। क्योंकि वह ज्ञानी था साथ मे शिव भक्त भी था।
रावण को अपने ऊपर घमंड बहुत था और वह अहंकारी भी बहुत था। क्योंकि वह ज्ञानी था साथ मे शिव भक्त भी था।
भगवान राम ने माता सीता को वापस लाने के लिए लगातार नौ दिनों तक युद्ध किया और साथ सक्ति पाने के लिए माँ दुर्गा की पूजा भी करते थे।
राम भक्त हनुमान और वानर सेना भगवान रा का साथ दिया। भगवान राम ने नौ दिन रावण से युद्व किया और दशमे दिन रावण का वध कर दिया
यानी बुराई पर अच्छाई की जीत हुई।
दशहरा
कहीं-कहीं जगहों पर दशहरा का मेला लगता हैं।
और रावण का पुतला बना कर उसे कोई नाटक रूप राम का अवतार बन कर रावण का वध करते हैं/जलया जाता हैं।
इस तरह भगवान राम रावण का अंत कर यह संदेश देते हैं बुराई ज्यादा दिन तक नहीं टिकती उसका अंत होता ही हैं।